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Saturday, November 11, 2006

ऐसे बढाएँ बच्चों की याददाश्त (How To Improve Mind Power)

टेक्नोलॉजी के विकास ने नई पीढ़ी के लिये प्रत्येक क्षैत्र में कई प्रकार की प्रतियोगिताओं को भी जन्म दिया हैं। प्राइमरी स्कूल में कदम रखते ही बच्चों को कई प्रतियोगिताओं का सामना करना पड़ता हैं कुछ बच्चे दिमागी रूप से कमजोर होते हैं वे इन प्रतियोगिताओं में दूसरे बच्चों से पीछे रह जाते हैं । बच्चों में याददाश्त बढाने के लिये यहां कुछ ऐसे टिप्स दिये जा रहे है जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चों में शारीरिक, बोद्धिक विकास के साथ साथ बच्चों में आत्मविश्वास भी जरूर पायेंगे। बच्चों की शिक्षा में माता - पिता का योगदान बच्चों की शिक्षा में माता - पिता की एक अहम भूमिका होनी चाहिये । बच्चे जब स्कूल से घर आते है तो उनसे स्कूल के बारे में बातें करना चाहिये। जिससे स्कूल व पढाई के प्रति उनके मन में रूचि जागृत होगी । बच्चों में ब्रेकफास्ट की आदत डाले ब्रेकफास्ट से बच्चों में सीखने की क्षमता में वृद्धि होती है। ब्रेकफास्ट में पोष्टिक आहार शामिल होने चाहिये। आप जानते है ब्रेकफास्ट नहीं करने वाले बच्चों में काफी कमियाँ हो जाती है जैसे आलस्य, अरूचि, उदासिनता, स्कूल व पढ़ाई से जी चुराना आदि। बच्चों के होमवर्क में माता - पिता की भूमिका 30 से 60 मिनट बच्चों के साथ होमवर्क करने में मदद करें । बच्चों के दिमागी विकास के लिये उसे नियमित होमवर्क की आदत डाले। बच्चों को प्यार और प्रोत्साहन दें बच्चों को प्यार और प्रोत्साहन दें मगर जरूरत से ज्यादा डांट व प्यार भी उनके लिये ठीक नही होता है। बच्चों की छोटी समस्याओं को सुलझाने में उनकी मदद करे । उनके सवालों के सही जवाब दें तथा उनका मार्ग दर्शन करें जिससे उनकी सोच, स्मरणशक्ति एवं समस्याओं को सुलझाने की क्षमताओं में वृद्धि होगी। बच्चों से बहुत अधिक आशाये न रखें अधिकतर माता - पिता बच्चों पर उनकी योग्यता से अधिक आशायें रखतें है जिन्हें बच्चे पूरा नही कर पाते इसलिये वह मानसिक रूप से परेशान रहते है। माता - पिता को चाहिये कि वह अपने बच्चों से उनकी योग्यता व उम्र के अनुसार ही आशायें रखें। अन्य गतिविधियों के लिये भी बच्चों को प्रोत्साहित करें बच्चों को शारीरिक रूप से प्रबल बनाये । स्कूल पढाई के साथ साथ अन्य गतिविधियों के लिये भी प्रेरित करें जैसे स्पोर्टस, स्वीमिंग, योगा, मेडिटेशन, डान्सिंग, ड्राईंग, पेन्टिंग, गेम्स, स्केटिंग, कम्पयूटर तथा उन्हें नई भाषायें सीखने के लिये भी प्रेरित करे। जो उनके शारीरिक व मानसिक विकास में सहायक होंगे। बच्चों को म्यूजिक सीखायें म्यूजिक से बच्चों में शारीरिक व मानसिक विकास के साथ - साथ क्रिएटिविटि भी डेवलप होगी जिससे मेथ्स व साइंस उसे रोचक व आसान लगने लगेंगे।

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