टेक्नालॉजी हमारी सोच से बहुत आगे निकलती जा रही है, एक वक्त ऐसा भी था जब घर में रोशनी के लिये दिये जलाए रखना पड़ते थे आज स्वीच ऑन करते ही घर में उजाला हो जाता है, आप कैसा अनुभव करेंगे अगर घर के अन्दर प्रवेश करे और लाईट अपने आप जल उठे, सूरज निकलते ही परदे अपने आप सरक जाए और सूरज डुबते ही खुद लग भी जाए, कार हवाई जहाज की तरह उड़ने लगे, म्यूजिक सिस्टम आपके मुड़ को देखते ही शुरु हो जाए। यह सब मुमकिन है।
क्या और कैसे हो सकते है भविष्य के घर:
मोबाइल के ब्लूटुथ से आप घर के सभी उपकरणों को कंट्रोल सकेंगे इसकी रेंज कहीं ज्यादी बढ़ जाएगी।
मोबाइल के द्वारा घर के उपकरणों को आर्डर दे सकेंगे, आपके आर्डर पर आपके घर पहुंचने से पहले ही आपका माइक्रोवेव आपका खाना तैयार कर देगा। एक एसएमएस के द्वारा किसी भी उपकरण को संचालित किया जा सकेगा.
रोबोट आपके एक साथी की तरह होगा, साथ ही घर के कामकाज में आपका हाथ बटाएगा। आपकी अनुपस्थिति में अनचाहे आंगतुक के आने पर ,अनचाही गतिविधियों पर आपको कॉल करके सुचित करेगा.
म्युजिक सिस्टम आपके मुड़ के अनुसार म्युजिक ऑन करेगा, टेलिविजन घर की किसी भी दिवार पर देखा जा सकेगा.
आपके घर के सिक्योरिटी सिस्टम भी डिजिटल हो जाएंगे जो घर की सुरक्षा के साथ साथ आपके स्वास्थ्य की जानकारी भी आपको देंगे. घर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सूचना देगा. आपका घर एक डिजिटल होम होगा.
कलाई में घड़ी की जगह टच स्क्रीन टेक्नालॉजी सिस्टम लगा होगा जिसके द्वारा दुनिया में किसी से भी बात कर सकेंगे तथा उसे देख सकेंगे.
4 comments:
बहुत लंबी सोच के धनी हैं आप. उम्मीद है यह इसी जीवन काल मे हो जाये वरना अगली बार चूहा बन कर देखूँगा. :)
चूहा इसलिये कि कम से कम जगदीश भाई इंटरव्यू ले लेंगे मूषक का... :) :)
बहुत दिनों बाद वापस आए नितिन भाई लेकिन अच्छी जानकारी लाए।
आपको नववर्ष मुबारक हो। उम्मीद है कि नववर्ष में ऐसे ही ज्ञानवर्धक लेख देखने को मिलते रहेंगे।
एक बात और आप भी मेरी तरह घनघोर हिन्दी-प्रेमी हैं, फिर चिट्ठे का शीर्षक इंग्लिश में क्यों ?
हिन्दी में यह ज्यादा अच्छा लगेगा।
Dear Nitin bhai,
I like your blog and i read your article on Digital Home.
It's a nice idea and i am eagerly wating the day when the dream comes true.
i like it
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