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Saturday, February 24, 2007

फोटोशॉप में किसी फोटो के आकार में परिवर्तन कैसे करें? (How to resize photo in Photoshop)

यह कार्य कुछ ही चरणों का उपयोग करके कर सकते है.
चरण 1: सबसे पहले उस फोटो को खोलिये जिसमें परिवर्तन करना है.
चरण 2: 'Image' मेनु पर क्लिक करें, फिर 'Image Size' विकल्प का चयन करें.
'Image Size' डायलॉग बॉक्स आपको स्क्रीन पर इस प्रकार दिखाई देगा.
ईमेज साईज डायलॉग बॉक्स में खुली हुई फोटो की साईज दिखाई देगी. यह साईज पिक्सल में होती है. यहां फोटो की चोड़ाई "888" और ऊंचाई "1200" दिखाई दे रही है, जिसे हम अपनी आवश्यकता अनुसार बदल सकते है.
चरण 3: फोटो की चौड़ाई बदलने के लिये चौड़ाई वाले टेक्स्ट बॉक्स में "400" टाइप करें या आवश्यकता अनुसार करें.
फोटो के आकार को अनुपात में बदलने के लिये ईमेज साईज विन्डो में नीचे दिये गये विकल्प 'Constrain Proportion' को मार्क कीजिये फिर साईज बदलिये फोटो का आकार अब एक अनुपात में बदलेगा.
पिक्सल्स डायमेंशन फोटो को पिक्सल में दिखाता है. जिससे हम ड्रॉप डाउन लिस्ट बॉक्स में से 'Percent' विकल्प को चुनकर फोटो की चोड़ाई और ऊंचाई दोनो प्रतिशत में बदल सकते है. 'Percent' विकल्प चुनने के बाद फोटो की चोड़ाई 100 प्रतिशत तथा ऊंचाई 100 प्रतिशत दिखाई देगी, यदि इसे 50, 50 प्रतिशत करेंगे तो फोटो की साईज एक अनुपात में आधी होगी. यदि इसे 200, 200 करेंगे तो फोटो की साईज एक अनुपात में ही वर्तमान साईज से डबल होगी.
फोटो के आकार को अनुपात में करने के लिये यह एक दूसरा रास्ता है.
ईमेज साईज डायलॉग बॉक्स डोक्यूमेंट की साईज को ईंच, सेन्टीमीटर, पॉईंट आदि में भी दिखाता है. अपनी आवश्यकता के अनुसार फोटो की चड़ाई, और ऊंचाई सेट कर सकते है. तथा फोटो की 'resolution' भी चेंज कर सकते है.

Monday, February 19, 2007

कम्प्यूटर डेस्कटॉप बैक्टीरियां का घर

ऑफिस के कम्प्यूटर डेस्कटॉप बैक्टीरियां का घर होते है, एक अध्ययन के अनुसार डेस्कटॉप टायलेट शीट से भी अधिक संक्रामक हो सकते है.
न्यूयार्क के एरिजोना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर चार्ल्स गेरबा के द्वारा किए गए न्यूयार्क, सेन फ्रांसिस्कों, ओरेगन व वाशिंगटन के ऑफिसों के अध्ययन में बताया कि एक कम्प्यूटर डेस्कटॉप, कीबोर्ड तथा माउस पर टॉयलट शीट की तुलना में सौ गुणा अधिक बैक्टीरियां होते है. कुछ भी खाने से पहले साबुन से एक बार हाथ जरुर धोना चाहिए.

Tuesday, February 06, 2007

विन्डोज में ऐसा नहीं कर सकते.............!

विन्डोज़ में CON नाम से फाईल या फोल्डर नहीं बनाया जा सकता है .... ऐसा क्यों होता है.
क्या आप जानते हैं?

Friday, February 02, 2007

बधाई हो, भारत नम्बर वन पर....!

सूचना प्रोद्धोगिकी कंपनियों के एक विश्व व्यापी सर्वे से जानकारी मिली है कि भारतीय कंपनियों ने अमेरिका की कंपनियों से बाजी मार ली है, विश्व की टॉप 100 आईटी सर्विस प्रोवाईडर कंपनियों में भारत की 36 कंपनियों को स्थान मिला है जबकि अमेरिका की 32 कंपनिया ही जगह बना पाई है. यह सर्वे आईटी व्यापार से संबंधित पत्रिका 'ग्लोबल सर्विसेज' ने करवाया था.

है ना, कमाल की खबर.

Thursday, February 01, 2007

वाई फाई क्या होता है?

वाई फाई (वायरलेस फिडेलिटि) एक वायरलेस नेटवर्किंग सुविधा है, इसका एक सीमित क्षेत्र होता है जिसमें हम अपना पीसी या लेपटॉप बिना इंटरनेट केबल कनेक्शन के नेट से जोड़ सकते हैं. जैसे एयरपोर्ट पर अपना लेपटॉप ऑन करते है तो नेट से लेपटॉप पीसी अपने आप कनेक्ट हो जाता है इसमें बिना किसी इंटरनेट केबल के आप नेट से कनेक्ट होकर ईमेल, चेटिंग तथा सर्फिंग कर सकते है. भारत में धीरे धीरे वाई फाई सुविधा का क्षेत्र बढ़ता जा रहा है.

प्रदेश में बनने जा रही है पहली वाई फाई कॉलोनी

अब तक प्रदेश में वायरलेस फिडेलिटि सिर्फ होटल्स, एयरपोर्ट या विशेष जगह पर होती थी. प्रदेश के एक शहर भोपाल में हायटेक कॉलोनी बनने जा रही है, घर की छत पर, किचन में, बेडरुम में कहीं पर भी अपना कम्प्यूटर ऑन करते से ही आप नेट से कनेक्ट हो जायेंगे यह सुविधा सिर्फ एक घर में ही नहीं बल्कि पूरी कॉलोनी में होगी. एक खबर के अनुसार यहां हायटेक सिक्युरिटी सिस्टम भी लगाया जा रहा है. कैमरे के द्वारा हर आने जाने वाले पर नजर रखी जायेगी, जिसमें 15 दिन तक का रिकार्ड रखा जायेगा जिससे अपराध कम होंगे तथा अपराधियों को ढूंढने में भी मदद मिलेगी. यही नहीं उस कॉलोनी में रहने वाला प्रत्येक शख्स कॉलोनी से दूर रहने पर भी वहां की गतिविधियों को नेट के द्वारा जान सकता है. अपनी कॉलोनी में कितनी बारिश हो रही है तथा कितनी धुप निकली है यह सब वह दुनिया में कहीं से भी देख सकेगा.

जल्द ही भारत से अमेरिका पहुंचने में लगेंगे............. सिर्फ 45 मिनिट!

संचार क्राति के इस दौर में दुनिया के किसी भी कोने में तेजी से पहुंचना और आसान हुआ. अमेरिका की एक कम्पनि प्लेनेट स्पेस ने सिल्वर डार्ट हाईपरसोनिक ग्लाइडर नाम का एक ऐसा यान बनाया है, जिससे भारत से अमेरिका पहुंचने में सिर्फ 45 मिनट लगेंगे. यह कहना है प्लेनेट स्पेस के चेयरमेन चिरंजीव कथूरिया का. उनके अनुसार वर्ष 2009 तक यह सुविधा प्रारंभ करेंगे.
यह यान स्पेस शटल जैसा होगा. यान पहले धरती की ग्रेविटेशनल फील्ड तक जाएगा फिर उससे बाहर निकलकर अंतरिक्ष में तेजी से सफर करेगा. लैंडिंग के लिए फिर धरती की ग्रेविटेशनल फील्ड में आना होगा. यह यान 737 जैसे किसी भी विमान के तैयार हवाई पट्टी पर आसानी से उतरेगा. यात्रियों को सांस लेने में परेशानी न हो इसके लिए आक्सीजन की विशेष व्यवस्था की जायेगी.