संचार क्राति के इस दौर में दुनिया के किसी भी कोने में तेजी से पहुंचना और आसान हुआ. अमेरिका की एक कम्पनि प्लेनेट स्पेस ने सिल्वर डार्ट हाईपरसोनिक ग्लाइडर नाम का एक ऐसा यान बनाया है, जिससे भारत से अमेरिका पहुंचने में सिर्फ 45 मिनट लगेंगे. यह कहना है प्लेनेट स्पेस के चेयरमेन चिरंजीव कथूरिया का. उनके अनुसार वर्ष 2009 तक यह सुविधा प्रारंभ करेंगे.
यह यान स्पेस शटल जैसा होगा. यान पहले धरती की ग्रेविटेशनल फील्ड तक जाएगा फिर उससे बाहर निकलकर अंतरिक्ष में तेजी से सफर करेगा. लैंडिंग के लिए फिर धरती की ग्रेविटेशनल फील्ड में आना होगा. यह यान 737 जैसे किसी भी विमान के तैयार हवाई पट्टी पर आसानी से उतरेगा. यात्रियों को सांस लेने में परेशानी न हो इसके लिए आक्सीजन की विशेष व्यवस्था की जायेगी.
Thursday, February 01, 2007
जल्द ही भारत से अमेरिका पहुंचने में लगेंगे............. सिर्फ 45 मिनिट!
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Posted by nitin at 6:40 PM
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2 comments:
इससे ज्यादा समय तो हमें घर से एयर पोर्ट पहुँचने में लगता है. भारत में कहां उतारेंगे कथूरिया जी? दिल्ली से जबलपुर जाने में १८ घंटे लग जाते हैं. वैसे मैने सुना था कि ये कथूरिया जी, अगले साल से लोगों को अंतरीक्ष यात्रा करवाने का वादा किये हैं? वो पूरा हो जाये तब भारत का इंतजार करेंगे.
सपने देखने है तो बड़े देखो. सही है. आज नहीं तो कल यह सच हो ही जाएगा. पर अब जो भी परियोजना बने पर्यावरण की अनदेखी न हो तो अच्छा. यह विमान वतावरण की ऊपरी परत को कितना नुकसान पहुंचाएगा?
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